Gionee A1 Plus (जियोनी ए1 प्लस) का रिव्यू हिंदी में
जियोनी ने इसी साल भारत में अपनी ए सीरीज़ लॉन्च की है। और जियोनी ए1 को ख़ासकर युवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया। लॉन्च के समय, जियोनी ने बताया कि इस सीरीज़ के डिवाइस को मुख्य तौर पर सेल्फी और लंबी बैटरी लाइफ़ पर ध्यान दिया गया है। अब जियोनी ए1 प्लस नाम से नया वेरिएंट लॉन्च हुआ है। जियोनी ने इसी साल मार्च में एमडब्ल्यूसी में ए1 और ए1 प्लस लॉन्च किए। भारत में सबसे पहले ए1 लॉन्च हुआ और इसके बाद पिछले महीने ए1 प्लस को पेश किया गया।
जैसा कि नाम से ज़ाहिर होता है, ए1 प्लस स्मार्टफोन, ए1 से ज़्यादा बेहतर है। इस फोन में बड़ी बैटरी और रियर पर डुअल कैमरा सेटअप है। फोन के स्पेसिफिकेशन भी ए1 से बेहतर हैं लेकिन क्या कीमत के लिहाज़ से यह फोन विजेता साबित हो पाएगा? जानें रिव्यू में।
जियोनी ए1 प्लस डिज़ाइन
पहली चीज जिस पर सबसे पहले हमारी नज़र गई वो है जियो ए1 प्लस का बड़ा साइज़। यह एक बड़ा डिवाइस है और भारी भी महसूस होता है। 6 इंच डिस्प्ले का मतलब है कि ए1 प्लस को कई बार एक हाथ से पकड़ना मुश्किल होता है। फोन में आगे की तरफ़ फिंगरप्रिंट सेंसर है और आगे की तरफ़ कैपेसिटिव टच बटन दिए गए हैं। कैपेसिटिव बटन के फंक्शन को आप अपने हिसाब से बदल सकते हैं और ये बैकलिट नहीं हैं जिसका मतलब है कि अंधेरे में इन्हें इस्तेमाल करना मुश्किल होगा।
इस फोन का वज़न 226 ग्राम है और यह बड़े साइज़ वाले शाओमी मी मैक्स 2 से ज़्यादा भारी है। लंबपे समय तक बात करने के दौरान भारी होने के चलते फोन असुविधाजनक लगता है । फोन के वज़नी होने के पीछे वज़ह है जियोनी द्वारा दी गई 4550 एमएएच की बैटरी। फोन का रियर पैनल मेटल का बना है लेकिन इसका अंतिम सिरा प्लास्टिक का महसूस होता है। फोन का रियर थोड़ा फिसलन भरा महसूस होता है, और वज़नी होने के चलते फोन को इस्तेमाल करने के दौरान थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत होगी।
जियोनी ने फोन में पावर बटन दिया है लेकिन वॉल्यूम बटन तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। रियर पर दिए गए डुअल कैमरे बीच में दिए गए हैं और फ्रंट कैमरे के लिए सॉफ्ट एलईडी फ्लैश भी है। नीचे की तरफ़ जियो ए1 प्लस में दो ग्रिल हैं जिनमें से दांये वाला एक स्पीकर है। हालांकि, फोन में स्टीरियो आउटपुट है क्योंकि जियोनी ने ने फोन के ईयरपीस को एक दूसरे स्पीकर के तौर पर इस्तेमा किया है। फोन में चार्जिंग और डेटा के लिए एक माइक्रो-यूएसबी पोर्ट है जो थोड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि आजकल अधिकतर डिवाइस यूएसबी टाइप-सी पोर्ट के साथ आ रहे हैं।
बॉक्स में, जियोनी ने फोन के साथ एक प्लास्टिक स्क्रीन प्रोटेक्टर और फोन के लिए एक पारदर्शी केस दिया है। इसके अलावा, इन-ईयर हेडफोन और एक 18 वाट का चार्जर व सिम इजेक्टर टूल भी मिलेगा।
जियोनी ए1 प्लस स्पेसिफिकेशन
जियोनी ए1 प्लस में दिया गया 6 इंच डिस्प्ले सबसे ज़्यादा आकर्षित करता है। जो फुल एचडी रिज़ॉल्यूशन (1080x1920 पिक्सल्स) के साथ आता है। डिस्प्ले से विविड कलर मिलते हैं और आप अपनी सुविधानुसार इन्हें सेट कर सकते हैं। व्यूइंग एंगल जहां अच्छे हैं,
वहीं सूरज की रोशनी में भी फोन को इस्तेमाल करना बेहद आसान रहता है। ब्राइटनेस कम होने पर भी, स्क्रीन हर समय चमकदार रहती है। ग्लास रियर होने के चलते धब्बे पड़ जाते हैं लेकिन उंगलियों के निशान नहीं पड़ते।
ए1 प्लस में जियोनी ने मीडियाटेक हीलियो पी25 प्रोसेसर का चुनाव किया है जो ऑक्टा-कोर प्रोसेसर पर चलता है। फोन में 4 जीबी रैम व 64 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज है जिसे माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए 256 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, स्टोरेज को बढ़ाने के लिए दूसरे सिम कार्ड को हटाना होगा क्योंकि ए1 प्लस में एक हाइब्रिड डुअल-सिम ट्रे दिया गया है। पहले स्लॉट को एक माइक्रो सिम जबकि दूसरे स्लॉट में एक नैनो-सिम कार्ड की जरूरत होगी। फोन में 4जी वीओएटीई सपोर्ट मिलता है।
जियोनी ए1 प्लस सॉफ्टवेयर और परफॉर्मेंस
सॉफ्टवेयर की बात करें तो, जियोनी ए1 प्लस एंड्रॉयड 7.0 पर चलता है जिसके ऊपर कस्टम एमिगो यूआई दी गई है। इस यूआई में ऐप ड्रॉर नहीं है और सभी आइकन होमस्क्रीन पर दिए गए हैं। स्क्रीन पर ऊपर से नीचे की तरफ़ स्वाइप करने पर नोटिफिकेशन दिखेंगी और नीचे से ऊपर की तरफ़ स्वाइप करने पर एक आईओएस जैसे पैनल से क्विक टॉगल किया जा सकता है। हमने पाया कि सेटिंग ऐप को दोबारा ऑर्गनाइज़ किया है, इसलिए सेटिंग में विभिन्न विकल्प ढूंढने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी होगी। सेटिंग में 'फ़ीचर' नाम का एक टैब भी है जिसमें फोन के फ़ीचर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जेस्चर के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
हमने ए1 प्लस को बेंचमार्क आंकड़ों पर परख़ा। हर रोज के इस्तेमाल के लिहाज़ से फोन की परफॉर्मेंस ठीकठाक है और ऐप के बीच स्विच करने के दौरान 4 जीबी रैम से काफ़ी मदद मिलती है। इस्तेमाल के दौरान हमने पाया कि एक दिन तक इस्तेमाल के बाद भी करीब 2 जीबी रैम खाली थी।
फोन में दी गई 4550 एमएएच की बैटरी है जिसके साथ फोन आसानी से डेढ़ दिन तक चल जाता है। हमने पाया कि गेम खेलते समय फोन की बैटरी जल्द खत्म हो जाती है। हमारे एचडी वीडियो लूप टेस्ट में फोन की बैटरी 14 घंटे और 43 मिनट तक चली। 18 वाट के चार्जर के साथ फोन दो घंटे में चार्ज हो जाता है और चार्जिंग के दौरान फोन चार्ज भी हो जाता है।
जियोनी ए1 प्लस कैमरा
डुअल रियर कैमरों के ट्रेंड को बरक़रार रखते हुए, जियोनी ए1 प्लस में 13 मेगापिक्सल और एक 5 मेगापिक्सल का डुअल रियर कैमरा सेटअप है। कैमरा ऐप में एक प्रोफेशनल मोड है जिससे कैमरा सेटिंग के लिए ज़्यादा कंट्रोल मिलते हैं। कैमरा ऐप में कई सारे फिल्टर मौज़ूद है।
जियोनी ए1 से ली गईं तस्वीरें बेहद औसत रहती हैं। कलर रीप्रोडक्शन भी अच्छा नहीं रहता। हमें कई तस्वीरों में पर्पल कलर देखने को मिला। थोड़ी दूरी से तस्वीरें लेने पर तस्वीरों में डिटेलिंग की बेहद कमी रहती है। कम रोशनी में ली गईं तस्वीरें डार्क और डिटेलिंग की कमी के साथ आईं। नाइट मोड में कैमरा स्विच करने पर मदद मिलती है लेकिन इससे अतिरिक्त नॉयज़ मिलता है।
सेकेंडरी कैमरा सिर्फ पोर्ट्रेट मोड में काम करता है जहां इसे डेप्थ कैलकुलेशन के लिए इस्तेमल किया जाता है। जिसके बाद आर्टिफिशियल तौर पर ब्लर इफेक्ट शामिल होता है।1080 पिक्सल तक वीडियो रिकॉर्डिंग सीमित है, जबकि इसी कीमत वाले मोटो ज़ेड2 प्ले में 30 फ्रेम प्रति सेकेंड पर 4के रिकॉर्डिंग क्षमता मिलती है।
फोन में एक सॉफ्ट सेल्फी फ्लैश के साथ 20 मेगापिक्सल का सेंसर है। फोन से अच्छी तस्वीरें आती हैं लेकिन सपाट लगती हैं। चौंकाने वाली बाता है कि इसमें ब्यूटिफिकेशन मोड नहीं है, इसलिए आपको निराशा हो सकती है। लेकिन सेल्फी लेने से पहले आपको फिल्टर अप्लाई करने के विकल्प मिल जाएंगे।
हमारा फैसला
जियोनी ए1 प्लस, साइज़ के चलते हर किसी के लिए नहीं है। इसे हाथ में पकड़नाा आसान नहीं है और आपको इसके लिए बड़ी जेब की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, फोन में बड़ी बैटरी है और कीमत के लिहाज़ से परफॉर्मेंस अच्छी है। यूआई इस्तेमाल करने लायक है।। इसमें आपको स्टॉक एंड्रॉयड जैसा मज़ा तो नहीं मिलेगा, इसलिए कुछ लोगों को हो सकता है कि यह पसंद ना आए। कैमरा परफॉर्मेंस बेहत औसत है और सेकेंडरी कैमरा सिर्फ पोर्ट्रेट मोड पर ही काम करता है।
जैसा कि नाम से ज़ाहिर होता है, ए1 प्लस स्मार्टफोन, ए1 से ज़्यादा बेहतर है। इस फोन में बड़ी बैटरी और रियर पर डुअल कैमरा सेटअप है। फोन के स्पेसिफिकेशन भी ए1 से बेहतर हैं लेकिन क्या कीमत के लिहाज़ से यह फोन विजेता साबित हो पाएगा? जानें रिव्यू में।
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जियोनी ए1 प्लस डिज़ाइन
पहली चीज जिस पर सबसे पहले हमारी नज़र गई वो है जियो ए1 प्लस का बड़ा साइज़। यह एक बड़ा डिवाइस है और भारी भी महसूस होता है। 6 इंच डिस्प्ले का मतलब है कि ए1 प्लस को कई बार एक हाथ से पकड़ना मुश्किल होता है। फोन में आगे की तरफ़ फिंगरप्रिंट सेंसर है और आगे की तरफ़ कैपेसिटिव टच बटन दिए गए हैं। कैपेसिटिव बटन के फंक्शन को आप अपने हिसाब से बदल सकते हैं और ये बैकलिट नहीं हैं जिसका मतलब है कि अंधेरे में इन्हें इस्तेमाल करना मुश्किल होगा।
इस फोन का वज़न 226 ग्राम है और यह बड़े साइज़ वाले शाओमी मी मैक्स 2 से ज़्यादा भारी है। लंबपे समय तक बात करने के दौरान भारी होने के चलते फोन असुविधाजनक लगता है । फोन के वज़नी होने के पीछे वज़ह है जियोनी द्वारा दी गई 4550 एमएएच की बैटरी। फोन का रियर पैनल मेटल का बना है लेकिन इसका अंतिम सिरा प्लास्टिक का महसूस होता है। फोन का रियर थोड़ा फिसलन भरा महसूस होता है, और वज़नी होने के चलते फोन को इस्तेमाल करने के दौरान थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

जियोनी ने फोन में पावर बटन दिया है लेकिन वॉल्यूम बटन तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। रियर पर दिए गए डुअल कैमरे बीच में दिए गए हैं और फ्रंट कैमरे के लिए सॉफ्ट एलईडी फ्लैश भी है। नीचे की तरफ़ जियो ए1 प्लस में दो ग्रिल हैं जिनमें से दांये वाला एक स्पीकर है। हालांकि, फोन में स्टीरियो आउटपुट है क्योंकि जियोनी ने ने फोन के ईयरपीस को एक दूसरे स्पीकर के तौर पर इस्तेमा किया है। फोन में चार्जिंग और डेटा के लिए एक माइक्रो-यूएसबी पोर्ट है जो थोड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि आजकल अधिकतर डिवाइस यूएसबी टाइप-सी पोर्ट के साथ आ रहे हैं।
बॉक्स में, जियोनी ने फोन के साथ एक प्लास्टिक स्क्रीन प्रोटेक्टर और फोन के लिए एक पारदर्शी केस दिया है। इसके अलावा, इन-ईयर हेडफोन और एक 18 वाट का चार्जर व सिम इजेक्टर टूल भी मिलेगा।
जियोनी ए1 प्लस स्पेसिफिकेशन
जियोनी ए1 प्लस में दिया गया 6 इंच डिस्प्ले सबसे ज़्यादा आकर्षित करता है। जो फुल एचडी रिज़ॉल्यूशन (1080x1920 पिक्सल्स) के साथ आता है। डिस्प्ले से विविड कलर मिलते हैं और आप अपनी सुविधानुसार इन्हें सेट कर सकते हैं। व्यूइंग एंगल जहां अच्छे हैं,
वहीं सूरज की रोशनी में भी फोन को इस्तेमाल करना बेहद आसान रहता है। ब्राइटनेस कम होने पर भी, स्क्रीन हर समय चमकदार रहती है। ग्लास रियर होने के चलते धब्बे पड़ जाते हैं लेकिन उंगलियों के निशान नहीं पड़ते।

ए1 प्लस में जियोनी ने मीडियाटेक हीलियो पी25 प्रोसेसर का चुनाव किया है जो ऑक्टा-कोर प्रोसेसर पर चलता है। फोन में 4 जीबी रैम व 64 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज है जिसे माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए 256 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, स्टोरेज को बढ़ाने के लिए दूसरे सिम कार्ड को हटाना होगा क्योंकि ए1 प्लस में एक हाइब्रिड डुअल-सिम ट्रे दिया गया है। पहले स्लॉट को एक माइक्रो सिम जबकि दूसरे स्लॉट में एक नैनो-सिम कार्ड की जरूरत होगी। फोन में 4जी वीओएटीई सपोर्ट मिलता है।
जियोनी ए1 प्लस सॉफ्टवेयर और परफॉर्मेंस
सॉफ्टवेयर की बात करें तो, जियोनी ए1 प्लस एंड्रॉयड 7.0 पर चलता है जिसके ऊपर कस्टम एमिगो यूआई दी गई है। इस यूआई में ऐप ड्रॉर नहीं है और सभी आइकन होमस्क्रीन पर दिए गए हैं। स्क्रीन पर ऊपर से नीचे की तरफ़ स्वाइप करने पर नोटिफिकेशन दिखेंगी और नीचे से ऊपर की तरफ़ स्वाइप करने पर एक आईओएस जैसे पैनल से क्विक टॉगल किया जा सकता है। हमने पाया कि सेटिंग ऐप को दोबारा ऑर्गनाइज़ किया है, इसलिए सेटिंग में विभिन्न विकल्प ढूंढने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी होगी। सेटिंग में 'फ़ीचर' नाम का एक टैब भी है जिसमें फोन के फ़ीचर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जेस्चर के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
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हमने ए1 प्लस को बेंचमार्क आंकड़ों पर परख़ा। हर रोज के इस्तेमाल के लिहाज़ से फोन की परफॉर्मेंस ठीकठाक है और ऐप के बीच स्विच करने के दौरान 4 जीबी रैम से काफ़ी मदद मिलती है। इस्तेमाल के दौरान हमने पाया कि एक दिन तक इस्तेमाल के बाद भी करीब 2 जीबी रैम खाली थी।
फोन में दी गई 4550 एमएएच की बैटरी है जिसके साथ फोन आसानी से डेढ़ दिन तक चल जाता है। हमने पाया कि गेम खेलते समय फोन की बैटरी जल्द खत्म हो जाती है। हमारे एचडी वीडियो लूप टेस्ट में फोन की बैटरी 14 घंटे और 43 मिनट तक चली। 18 वाट के चार्जर के साथ फोन दो घंटे में चार्ज हो जाता है और चार्जिंग के दौरान फोन चार्ज भी हो जाता है।
जियोनी ए1 प्लस कैमरा
डुअल रियर कैमरों के ट्रेंड को बरक़रार रखते हुए, जियोनी ए1 प्लस में 13 मेगापिक्सल और एक 5 मेगापिक्सल का डुअल रियर कैमरा सेटअप है। कैमरा ऐप में एक प्रोफेशनल मोड है जिससे कैमरा सेटिंग के लिए ज़्यादा कंट्रोल मिलते हैं। कैमरा ऐप में कई सारे फिल्टर मौज़ूद है।
जियोनी ए1 से ली गईं तस्वीरें बेहद औसत रहती हैं। कलर रीप्रोडक्शन भी अच्छा नहीं रहता। हमें कई तस्वीरों में पर्पल कलर देखने को मिला। थोड़ी दूरी से तस्वीरें लेने पर तस्वीरों में डिटेलिंग की बेहद कमी रहती है। कम रोशनी में ली गईं तस्वीरें डार्क और डिटेलिंग की कमी के साथ आईं। नाइट मोड में कैमरा स्विच करने पर मदद मिलती है लेकिन इससे अतिरिक्त नॉयज़ मिलता है।
सेकेंडरी कैमरा सिर्फ पोर्ट्रेट मोड में काम करता है जहां इसे डेप्थ कैलकुलेशन के लिए इस्तेमल किया जाता है। जिसके बाद आर्टिफिशियल तौर पर ब्लर इफेक्ट शामिल होता है।1080 पिक्सल तक वीडियो रिकॉर्डिंग सीमित है, जबकि इसी कीमत वाले मोटो ज़ेड2 प्ले में 30 फ्रेम प्रति सेकेंड पर 4के रिकॉर्डिंग क्षमता मिलती है।
फोन में एक सॉफ्ट सेल्फी फ्लैश के साथ 20 मेगापिक्सल का सेंसर है। फोन से अच्छी तस्वीरें आती हैं लेकिन सपाट लगती हैं। चौंकाने वाली बाता है कि इसमें ब्यूटिफिकेशन मोड नहीं है, इसलिए आपको निराशा हो सकती है। लेकिन सेल्फी लेने से पहले आपको फिल्टर अप्लाई करने के विकल्प मिल जाएंगे।




हमारा फैसला
जियोनी ए1 प्लस, साइज़ के चलते हर किसी के लिए नहीं है। इसे हाथ में पकड़नाा आसान नहीं है और आपको इसके लिए बड़ी जेब की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, फोन में बड़ी बैटरी है और कीमत के लिहाज़ से परफॉर्मेंस अच्छी है। यूआई इस्तेमाल करने लायक है।। इसमें आपको स्टॉक एंड्रॉयड जैसा मज़ा तो नहीं मिलेगा, इसलिए कुछ लोगों को हो सकता है कि यह पसंद ना आए। कैमरा परफॉर्मेंस बेहत औसत है और सेकेंडरी कैमरा सिर्फ पोर्ट्रेट मोड पर ही काम करता है।
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अगर आप बड़ी बैटरी वाले एक बड़े स्क्रीन फोन की तलाश में हैं तो ए1 प्लस के बारे में सोचा जा सकता है। हालांकि, शाओमी मी मैक्स 2 अपनी कम कीमत के चलते ज़्यादा बेहतर विकल्प है। इसके अलावा, आप सैमसंग गैलेक्सी सी7 प्रो या कम कीमत वाले मोटो ज़ेड2 प्ले के बारे में भी सोच सकते हैं। या फिर थोड़ी ज़्यादा कीमत चुकाकर वनप्लस 3टी (रिव्यू) भी खरीद सकते हैं।
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