चंद्र ग्रहण सूतक काल में क्या करें और क्या नहीं, जानिए







Chandra Grahan 2017 Time India: वर्ष 2017 में भारतवर्ष में केवल एक ही ग्रहण दिखाई देगा. ये चन्द्रग्रहण है जो ⅞ अगस्त(श्रावण माह की पूर्णिमा) की मध्य रात्रि अर्थात सोमवार-मंगलवार की रात को पूरे भारतवर्ष में खण्डग्रास रूप में दिखाई देगा 



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Chandra Grahan 2017: ग्रहण एक घंटा बीस मिनट तक रहेगा.

खण्डग्रास चन्द्रग्रहण ⅞ अगस्त 2017 Donate Car to Charity California

वर्ष 2017 में भारतवर्ष में केवल एक ही ग्रहण दिखाई देगा. ये चन्द्रग्रहण है जो ⅞ अगस्त(श्रावण माह की पूर्णिमा) की मध्य रात्रि अर्थात सोमवार-मंगलवार की रात को पूरे भारतवर्ष में खण्डग्रास रूप में दिखाई देगा. इस ग्रहण का स्पर्श तथा मोक्ष आदि का समय भारतीय समयानुसार निम्न है :-



ग्रहण स्पर्श – 22घं. 52मि. 56सै.
ग्रहण मध्य – 23घं. 50मि. 29सै.
ग्रहण मोक्ष – 24घं. 48मि. 09सै.
ग्रहण 7 अगस्त की रात में 10 बज कर 52 मिनट और 56 सेकेण्ड पर आरंभ होकर अर्ध रात्रि में 00:48:09 बजे समाप्त होगा. ग्रहण एक घंटा बीस मिनट तक रहेगा. ग्रहण आरंभ होने से पूर्व ही चन्द्र मालिन्य रात्रि 09:20 बजे से ही आरंभ हो जाएगा.

7 अगस्त 2017 की रात में जब यह चन्द्र ग्रहण आरंभ होगा तब तक पूरे भारतवर्ष में चंद्रमा उदय हो चुका होगा. सभी नगरों तथा शहरों में इस दिन शाम 05:30 से शाम 07:30 बजे तक चन्द्र उदय हो जाएगा. भारत के सभी स्थानों पर इस ग्रहण का आरंभ, मध्य तथा मोक्ष अर्थात समाप्ति काल देखा जा सकेगा. भारत के साथ-साथ यह चन्द्र ग्रहण दक्षिणी और पूर्वी एशिया के अधिकतर देशों में, सारे यूरोप में, अफ्रीका तथा अॉस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा.Mesothelioma Law Firm
यह चन्द्र ग्रहण सोमवार के दिन दिखाई देने से “चूड़ामणि चन्द्र ग्रहण” कहलाया जाएगा. चूड़ामणि चन्द्र ग्रहण का शास्त्रों में विशेष महत्व माना गया है इसलिए इस दिन किए तीर्थ स्नान तथा दानादि का भी विशेष माहात्म्य माना जाएगा.
ग्रहण का सूतक काल – Sutak Time Of Grahan
7 अगस्त के दिन इस चन्द्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 1 बज कर 53 मिनट से आरंभ हो जाएगा. रक्षा बंधन का त्यौहार इस सूतक काल से पूर्व ही मना लेना चाहिए.

सूतक काल में किए जाने वाले कार्य – Work to be done in the Sutak

सूतक के समय तथा ग्रहण के समय दान तथा जापादि का महत्व माना गया है. पवित्र नदियों अथवा तालाबों में स्नान किया जाता है. मंत्र जाप किया जाता है तथा इस समय में मंत्र सिद्धि का भी महत्व है. तीर्थ स्नान, हवन तथा ध्यानादि शुभ काम इस समय में किए जाने पर शुभ तथा कल्याणकारी सिद्ध होते हैं. धर्म-कर्म से जुड़े लोगों को अपनी राशि अनुसार अथवा किसी योग्य ब्राह्मण के परामर्श से दान की जाने वाली वस्तुओं को इकठ्ठा कर के रख लेना चाहिए फिर अगले दिन (8 अगस्त को) सुबह सूर्योदय के समय दुबारा स्नान कर संकल्प के साथ उन वस्तुओं को योग्य व्यक्ति को दे देना चाहिए.Mesothelioma Law Firm
सूतक में वर्जित कार्य – Restricted Act During Sutak
सूतक के समय और ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श करना निषिद्ध माना गया है. खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना आदि कार्य भी इस समय वर्जित हैं. इस समय झूठ बोलना, छल-कपट, बेकार का वार्तालाप और मूत्र विसर्जन से परहेज करना चाहिए. सूतक काल में बच्चे, बूढ़े, गर्भावस्था स्त्री आदि को उचित भोजन लेने में कोई परहेज नहीं हैंMesothelioma Law Firm




सूतक आरंभ होने से पहले ही अचार, मुरब्बा, दूध, दही अथवा अन्य खाद्य पदार्थों में कुशा तृण डाल देना चाहिए जिससे ये खाद्य पदार्थ ग्रहण से दूषित नहीं होगें. अगर कुशा नहीं है तो तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं. घर में जो सूखे खाद्य पदार्थ हैं उनमें कुशा अथवा तुलसी पत्ता डालना आवश्यक नहीं है.Mesothelioma Law Firm

राशि पर प्रभाव – Effect Of The Eclipse On Moon sign

⅞ अगस्त की अर्ध रात्रि को लगने वाला ये चन्द्र ग्रहण मकर राशि तथा श्रवण नक्षत्र में लग रहा है इसलिए इस नक्षत्र और राशि में पैदा हुए व्यक्तियों को राहु-चन्द्र के दान व जाप के साथ राशि स्वामी शनि का जाप व दान करना कल्याणकारी होगा. जिस भी राशि व नक्षत्र में ग्रहण लगता है उस राशि के जातकों को कष्ट हो सकता है इसलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने ग्रह की शान्ति तथा दानादिMesothelioma Law Firm

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